शाक्य मुनि करुणा के सागर महामानव गौतम बुध के विचारो से सिंचित हो रही बौद्ध सभा से उत्प्रेरित होकर
प्रबंधक /सचिव श्री गिरिंद सिंह शाक्य नितांत पिछड़े हुए झेत्र में उच्च शिक्षा की प्रगति के लिए प्रेरित हुए |
संघोष्ठी में देश विदेश के विद्वानो ने ” शिक्षा एव समाज ” पर गहन विचार विमर्श किया तथा निष्कर्ष रूप से
यह पाया की ” मानव विकास के सभी रास्ते शिक्षा रूपी कुंजी स खुलते है !” इसी क्रम में शाक्य जी के मन
मस्तिष्क में एक उद्गार प्रष्फुटित हुआ कि ” शिक्षा सभी प्रकार के विकासो का मूल मंत्र है. “
ऊपर लिखित प्रेरणा से प्रेरित होकर शाक्य जी ने पिछड़े क्षेत्र में उच्च शिक्षा की प्रगति व प्रसार के लिए दृढ संकल्प लिया ! इसी क्रम में
उन्होंने 10 अप्रैल 2011 को ” माँ महारानी देवी कान्हीलाल शाक्य जनकल्याण आध्यात्मिक ट्रस्ट ” पंजीकरण कराया |
आज विद्यालय शिक्षा के झेत्र में विकास की और अग्रसर है |
बर्तमान समय में क्लास विधिवत रूप से संचालित की जा रही है !.
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प्रबन्धक श्री गिरन्द सिंह शाक्य ( एडवोकेट )

